लोकसभा की लाइव कार्यवाही के जरिए देश देखता है कि सदन के अंदर क्या हो रहा है। लेकिन अब एक तरफ़ा चीजे दिखाई जा रही है लोकसभा के अंदर मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर मंगलवार को भी विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की। ………जितनी देर भी सदन चला उतनी देर विपक्षी सांसद वेल में खड़े होकर नारेबाजी करते रहे और प्लेकार्ड लहराते रहे। इसमें इंडिया फॉर मणिपुर, प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो, प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर बोलें जैसे स्लोगन लिखे थे।लेकिन संसद टीवी पर यह नजारा आपको देखने को नहीं मिला क्योकि इसमें लोकसभा स्पीकर की चेयर के ठीक सामने वेल को नहीं दिखाया जा रहा जहा सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष अपनी आवाज बुलंद कर रहा है ।
साफ निर्देश है कि विपक्ष को दिखाना ही नहीं है मंगलवार को जब बायोलॉजिकल डायवर्सिटी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा हो रही थी तब भी विपक्ष ने कैमरे की पोजिशन को देखते हुए अपने नारे लिखे हुए प्ले कार्ड दिखाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वो सफल नहीं हो पाए।केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के इस बिल को पेश करने के बाद बीजेपी के संजय जायसवाल और अपराजिता सारंगी ने इस पर चर्चा में हिस्सा लिया।
इसके बाद जब एक महिला सांसद ने इस चर्चा के दौरान अपनी बात रखी तो कैमरे ने उन्हें फोकस किया। कैमरे में अपना विरोध दिखाने के लिए कांग्रेस के दो सांसद प्ले कार्ड के साथ उनके पीछे खड़े हो गए। लेकिन कैमरे ने तुरंत अपना फोकस बदल दिया। इसके बाद बीएसपी के मलूक नागर ने अपनी बात शुरू की, कैमरे ने उन्हें दिखाना शुरू किया और कांग्रेस के सांसद अपना विरोध देश को दिखाने प्लेकार्ड के साथ उनके पीछे खड़े हो गए तो मलूक नागर ही फ्रेम से गायब हो गए। और कैमरे ने सत्ता पक्ष के सांसदों की तरफ फोकस कर दिया। उस वक्त चेयर (आसन) में राजेंद्र अग्रवाल थे और लोकसभा की कार्यवाही संचालित कर रहे थे। कांग्रेस सांसद राम्या और ज्योतिमणि ने कैमरे का एंगल देखकर आसन के सामने अपने प्लेकार्ड लहराए। लेकिन उनके लगातार प्लेकार्ड दिखाने के बावजूद कैमरे ने उसे कैप्चर नहीं किया।
साफ़ दिख रहा कि संसद टीवी भी पूरी तरह से मोदी सरकार के इशारे पर नाच रहा है