क्या आपको डिश टीवी, वीडियोकॉन D2H, टाटा स्काई जैसे नाम याद है ?…..2018 तक ये डिसाइड करते थे कि हम अपने टीवी पर क्या देखे ?…….उससे पहले आपके टीवी मे क्या चलेगा ये आपके लोकल केबल ऑपरेटर डिसाइड करते थे…… लेकिन 2029 तक सिर्फ़ एक ही कम्पनी बचेगी जो डिसाइड करेगी कि आपके बुद्धू बक्से में क्या चलेगा
2024 के चुनावी साल शुरु होने से पहले सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसके बारे मे मीडिया चुप बैठा है और वो फैसला ये है कि अब अब ब्रॉडबैंड सर्विस देने वाली कंपनियां भी केबल टीवी की सुविधा दे सकेंगी। देश मे दो ही बड़ी ब्रॉडबैंड प्रोवाइडर कम्पनी है रिलायंस और एयरटेल…….
दरअसल सूचना प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम 1994 में बड़ा संशोधन किया है। इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसके मुताबिक 10 साल की अवधि के लिए मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों (MSO) के लिए पंजीकरण शुरू होगा। इस पंजीकरण में ब्रॉडबैंड कंपनियां भी शामिल हो सकेंगी। इससे
पहले केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत केवल नए मल्टीसिस्टम ऑपरेटर्स के लिए रजिस्ट्रेशन किए जाते थे, उनमें ब्रॉडबैंड कंपनियां शामिल नहीं हो सकती थीं
आसान भाषा में कहें तो एमएसओ उन कंपनियों को कहा जाता है जो टीवी के केबल सिस्टम को ऑपरेट कर रही हैं। देश में करीब 115 एमएसओ ऑपरेटर (केबल टीवी ऑपरेटर) हैं।
नए संशोधन में ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं के साथ केबल ऑपरेटरों द्वारा बुनियादी ढांचे को साझा करने का भी एक प्रावधान है यानी अब ब्रॉडबैंड सर्विस देने वाली कंपनियां भी केबल टीवी की सुविधा दे सकेंगी। अब ब्रॉडबैंड और केबल ऑपरेटर कंपनियां एक साथ काम करेंगी।
सच्चाई यह है कि इस फैसले ने एक झटके में रिलायंस को देश की टीवी इंडस्ट्री का किंग बना दिया है
लेकिन ये सब बहुत धीरे धीरे हुआ है
2018 में ट्राई ने एक ऐसा आदेश दिया जिससे सालों से जमे जमाए केबल कारोबारियो के धंधा में एक झटके में तबाही के कगार पर आ गया ……….बड़े स्तर की केबल टीवी कंपनी यानि एसएमओ ब्रॉडकास्टर्स के साथ कंटेंट और कैरिज डील साइन करके लोकल केबल ऑपरेटर्स (एलसीओ) को नियुक्त कर के अपना बिजनेस चलाते रहते थे, कई सालों से यह व्यवस्था चलती आ रही थी इन चैनलों में बड़ी हिस्सेदारी फ्री टू एयर चैनलों की थी, तब औसत निम्न मध्यवर्गीय घरों में मासिक 200 से 300 रु के बीच ओर उच्च मध्यवर्गीय घरों में मासिक 400 से 600 रु के बीच सभी चैनल्स देखने को मिल जाते थे……….
लेकिन ट्राई ने ऐसा नियम बनाया जिसके अनुसार फ्री टू एयर चैनल लेने पर भी ग्राहकों को मिनिमम अब 154 रुपए चुकाने थे ट्राई ने यह भी दावा किया कि नए नियम लागू होने के बाद ग्राहक सिर्फ उन्हीं चैनलों का पैसा देंगे, जिन्हें उन्होंने चुना है लेकिन जीएसटी समेत कैपिसिटी फीस ही 153 हो रही है और ऐसे में चुनिंदा चैनल लेने पर ही बिल आसानी से 300 रुपये के पार हो गया
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने ट्राई के प्लान के बाद की परिस्थितियों पर एक सर्वे किया तो सामने आया कि इससे ग्राहकों का बिल 25 फीसदी या उससे ज्यादा बढ़ गया है। ओर उच्च मध्यवर्गीय घरों में जहाँ 2 या 2 से अधिक टीवी थे वहां तो यह बिल लगभग दोगुना आने लगा
नतीजा यह हुआ कि लोगों ने महंगे कनेक्शन कटवाना शुरु कर दिए बची खुची कसर ओटीटी ने पूरी कर दी देश का हायर मिडिल क्लास ओटीटी पर शिफ्ट हो गया
कमाल की बात यह है कि जिस कदम से सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को मिलना वाला था उसके बजाए फायदा लोकप्रिय चैनलों को मिला अभी तक फ्री टू एयर चल रहे कई सारे टीवी चैनलों ने खुद को पेड चैनल में परिवर्तित कर लिया और उनका मुनाफा 60-70 रुपये प्रति महीने से बढ़कर 94 रुपये प्रति महीने तक पहुंच गया
इसी बीच जियो फाइबर लांच किया गया और उसने ब्रॉडबैंड मार्केट में अपनी पकड़ बना ली
2018 में रिलायंस ने देश के 2 सबसे बड़े MSO, डेन नेटवर्क्स में 66 पर्सेंट और हैथवे केबल्स में 51.3 हिस्सेदारी खरीद ली थी यानी वह केबल ओर डीटीएच बिजनेस में उतरने की पूरी तैयारी कर चुका था और इधर ट्राई के आदेश के कारण ग्राहकों को केबल/DTH का महंगी सर्विस लेने की आदत पड़ चुकी थी
साल दर साल एक एक कर के सारी परिस्थितियां जियो फाइबर के अनुकूल बनाई गयी
दरअसल जियो गीगा फाइबर को लाया ही इसलिए गया था…….. जियो गीगा फाइबर दरअसल फाइबर टु द होम यानी एफटीटीएच पर आधारित है. यानी जियो फाइबर में एक ही केबल से टीवी सेटअप बॉक्स के साथ साथ इंटरनेट, टेलीफोन की भी सुविधा देने की क्षमता मौजूद थी . पहले लोग वाई-फाई, टीवी और लैंडलाइन के अलग-अलग खर्च करते थे, अब उसकी जरूरत नहीं है . एफटीटीएच की वजह से स्पीड भी मिलेगी. इस सर्विस के लिए यूज की जाने वाली केबल दूसरों के मुकाबले फास्ट कनेक्टिविटी देती है. ये मौजूदा केबल के मुकाबले बेहतर होती है. इसके अलावा स्मार्ट होम डिवाइस भी इससे कनेक्ट किए जा सकते हैं इसे घर के हर सॉकेट को भी स्मार्ट सॉकेट में बदला जा सकेगा.
यानी बिग बॉस की नजर से अब कोई बचने वाला नही है अब जिओ फाइबर वाले 300 रु के आसपास मे 400 टीवी चैनल+6ओटीटी+इंटरनेट+लैंडलाइन ऑफर कर रहे हैं
साफ़ है कि इससे सस्ता ऑफर कोई दूसरा नहीं दे सकेगा ! और हर कोई अपने घर मे इसे लगवाने मे इच्छुक होगा और इस तरह से 2029 तक टीवी इंडस्ट्री पूरी तरह से रिलायंस के कब्जे मे होगी