एक बात बताइए आतंकी शिविर क्या होता है ? आप कहेंगे कि आतंकी शिविर में आतंकियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देते हैं…..तो ठीक इसी तर्ज़ पर असम की राजधानी गुवाहाटी से केवल 100 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय बजरंग दल ने अपना हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया ….प्रशिक्षण अभ्यास 27 जुलाई को शुरू हुआ और रविवार (30 जुलाई) को समाप्त हुआ। लेकिन ये ख़बर हमारा राष्ट्रीय मीडिया पूरी तरह से दबा गया वो तो नॉर्थ ईस्ट के लोकल मीडिया ने इस घटना को बड़े पैमाने पर उठाया और इसी दबाव में आकर असम पुलिस को केस दर्ज करना पड़ा
ये शिविर असम के दरांग जिले के अंतर्गत मंगलदोई में एक स्कूल परिसर में आयोजित किया गया था
इस कार्यक्रम की पूरी वीडियो फुटेज उपलब्ध है
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वीडियो में दिखाए गए बजरंग दल के सदस्यों के अनुसार, कार्यक्रम में लगभग 400 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षुओं की उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच थी। कहा जा रहा है कि इसमें केंद्रीय सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों ने भाग लेने वाले युवाओं को प्रशिक्षण दिया है
1 अगस्त को दरांग पुलिस ने ट्वीट कर कहा, ‘महर्षि विद्या मंदिर, मंगलदाई में राष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर से संबंधित वीडियो के संदर्भ में आईपीसी के तहत मंगलदाई पुलिस थाने में मुकदमा संख्या 357 यू/एस 153 ए/34 दर्ज किया गया है.’
बजरंग दल नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस तरह की कार्यशालाएं पड़ोसी देशों के ‘अवैध अप्रवासियों’ से सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं.शिविर का उद्देश्य संदिग्ध जिहादियों से मुकाबला करना और नागरिक संघर्ष जैसी स्थिति के लिए तैयार रहना था। और यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के शिविर आयोजित किए गए हैं असम में संगठन द्वारा इस तरह के हथियार प्रशिक्षण 2017 और 2019 में भी सामने आए थे.
तृणमूल कांग्रेस के असम प्रमुख रिपुन बोरा ने कहा, ”यह बिल्कुल भी उचित नहीं है और हमारे संविधान में देश के युवाओं को आग्नेयास्त्र प्रशिक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है।“असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस आधार पर कई मदरसों पर बुलडोजर चला दिया कि वहां जिहादी गतिविधियां हो रही थीं, लेकिन अब मैं उनसे सवाल करना चाहूंगा कि जब पर्याप्त सबूत हैं तो वह शिविर के आयोजकों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं।” जनता की उपस्थिति में आग्नेयास्त्र प्रशिक्षण का वीडियो फुटेज उपलब्ध है,
कुछ नेताओं के अनुसार, इस प्रकार का प्रशिक्षण भारत के अधिकांश हिस्सों में हो रहा है और आगे असम में संदिग्ध बांग्लादेशी-बहुल क्षेत्रों में ऐसे और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है।
भाजपा शासित राज्य में हिंदू विशेष रूप से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, यह भी इंगित करता है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने में कुछ समस्या है.’
आज तक न्यूज़ वेबसाइट ने इस मामले की ख़बर देते हुए अपने शीर्षक में बताया कि हमारा वाला बजरंग दल नहीं है ये तो तोगड़िया वाला बजरंग दल है
लेकिन आज तक वालो का जो बजरंग दल है वो भी इसी तरह के शिविर आयोजित करता है 2022 में कर्नाटक के कोडागु जिले में बजरंग दल ने शौर्य प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया था वहा भी लग्भग लेकर हंगामा मचा हुआ है। यहां 400 युवाओं को बंदूक समेत अन्य हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। बजरंग दल का यह शिविर त्रिशूल दीक्षा के तहत आयोजित किया गया था। यह कैंप पोन्नमपेट के साईं शंकर एजूकेशनल इंस्टीट्यूट में 5 से 11 मई तक चला था
तो साफ़ है जितने भी भाजपा शासित राज्य है जेसे मणिपुर हरियाणा असम आदि वहा हिन्दू समुदाय खतरे में है इसलिए ही तो बजरंग दल जैसे संगठन हथियार चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं
यह आतंकवादी संगठन हैं। इन पर प्रतिबंध की मांग उठनी चाहिए।
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