भारत सरकार ने जी 20 सम्मेलन मे भारी-भरकम खर्चा किया है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 9-10 सितंबर को हुए इस समिट में 4,100 करोड़ रुपये से अधिक का खर्चा हुआ है। जबकि साल 2023-24 के बजट में जी20 सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए 990 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे। इस तरह वास्तव में हुआ खर्चा बजट राशि से करीब चार गुना है। यह सारी रकम सिर्फ़ दिल्ली के सौंदर्यीकरण में खर्च हुई है
G20 शिखर सम्मेलन के लिए 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में 20 से ज्यादा देशों के राष्ट्र प्रमुख जमा हुए हैं. इसके लिए राजधानी में बड़े पैमाने पर सजावट की गई है, जिसमें फ्लाईओवर्स पर पेंटिंग बनाई गई हैं और मेहमानों के स्वागत के लिए ऊंची मूर्तियां बनाई गई हैं.अलावा दिल्ली में आयोजन स्थलों और सड़कों को 6.75 लाख फूलों वाले पौधों और झाड़ियों से सजाया गया है
केंद्र सरकार ने दिसंबर 2022 और अप्रैल 2023 के बीच भारत की G20 अध्यक्षता से जुड़े आउटडोर विज्ञापनों पर करीब 50.64 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
हालांकि RTI के जवाब से यह साफ नहीं हुआ कि कौन सा मंत्रालय इस पैसे (50,64,84,996 रुपये) का भुगतान करेगा. केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) के एक सीनियर ऑफिसर ने न्यूज पोर्टल को बताया कि पैसे का भुगतान विदेश मंत्रालय द्वारा CBC के जरिए किया जाएगा.
इसके अलावा सरकार ने नेताओं को लाने और ले जाने के लिए कम से कम 20 बुलेट-प्रूफ लिमोजिन (Limousines) किराए पर लिए हैं, जिसपर लगभग 18.12 करोड़ रुपये (21.8 लाख डॉलर) खर्च किए गए हैं. समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की VIP सुरक्षा विंग के 450 ड्राइवरों को खास लेफ्ट हैंड ड्राइव और बुलेट-प्रूफ कारों को चलाने की ट्रेनिंग दी गई है.
विपक्षी सांसद अब्दुल वहाब ने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 27 जुलाई को जब G20 से जुड़े कार्यक्रमों पर किए गए कुल खर्च के बारे में सरकार से सवाल किया तो विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने सवाल का जवाब नहीं दिया.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को केंद्रीय बजट पढ़ते हुए भारत की G20 अध्यक्षता की तैयारियों के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. बाद मे बजट 2023-24 मे केंद्र सरकार के बजट में भारत की G20 अध्यक्षता के लिए 990 करोड़ रुपये दिए गए अब पता चला है कि कुल 4100 करोड़ खर्च हए हैं