मणिपुर में हुऐ यौन उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के बाद उपजे आक्रोश को टेकल करने के लिए बहुत से काम किए गए हैं शायद आपको इसकी सिलेसिलेवार जानकारी आपको नही होगी
वीडियो सामने आने के अगले दिन सबसे पहले तो मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास मैतेई के कथित घर को आग के हवाले कर दिया। घर जलाने का जो वीडियो दिखाया जा रहा है उसमे कुछ स्थानीय महिलाओं का समूह आग लगा रहा है खबरों में कहा गया कि थौबाल जिले के याइरीपोक गांव में कुछ महिलाओं ने इकट्ठा होकर मुख्य आरोपी के घर को आग के हवाले कर दिया, ये कहीं नहीं लिखा है कि ये घटना कुकी महिलाओ ने अंजाम दी?
तो फिर वे महिलाएं कौन है जो घर जला रही है?
ये बड़ा प्रश्न है? इसका उत्तर आपको कोई मीडिया नही देगा
एक बात बताइए कि हमे आपको तो दो दिन पहले ही इस होलनाक घटना का पता चला है लेकिन स्थानीय स्तर पर तो लोगो को मालूम ही होगा कि क्या हुआ था तो तब उनका आक्रोश क्यो नही जागा….
ये सिर्फ़ गुस्सा दबाने की कवायद है जैसे आजकल उत्तर और मध्य भारत में तुरंत कोई घटना होने के बाद आरोपी के घर बुलडोजर चला कर त्वरित न्याय देने की कोशिश की जाती है ये कुछ वैसा ही प्रयास है
ये पहला स्टेप था अब दूसरा स्टेप क्या था वो भी समझिए
मोदी जी ने मणिपुर वाली घटना पर बयान देते हुऐ छत्तीसगढ़ और राजस्थान को भी लपेट लिया अगले दिन इसी रणनीति के तहत इज इजीकुल टू वाला एंगल डाला गया
बंगाल भाजपा की सांसद लॉकेट चटर्जी ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और रोते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में 8 जुलाई (चुनाव के दिन) को ग्रामसभा की एक महिला कैंडिडेट को बूथ के अंदर जाकर उसको निर्वस्त्र करके उसको प्राइवेट पार्ट में टच करके ये सब बदतमीती की गई. 11 जून को मतगणना के दिन तृणमूल की एक महिला कैंडिडेट को काउंटिंग रूम में उसके साथ अत्याचार किया गया.”
उन्होंने कहा, ”आप देख रहे हैं कि वहां का कुछ वीडियो नहीं है. वीडियो वायरल नहीं हुआ. कोई वहां जाकर ऐसे वीडियो नहीं कर पाया. वहां पर तो सब गन लेकर काउंटिंग रूम में चले गए. गन-बम लेकर गए, महिला को सामने खड़ा करके, उसके सिर पर बंदूक रखकर उसको निर्वस्त्र किया. उस पर अत्याचार किया, तो उस पर कोई जांच नहीं होगी? उसके लिए हम लोग कुछ नहीं बोलेंगे?”
लेकिन यहां दिक्कत ये हों गई कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद डीजीपी मनोज मालवीय का बयान सामने आ गया जिसमे डीजीपी ने बताया कि उनकी जांच में अब तक ऐसा कुछ ऐसा सामने नहीं आया।
बंगाल डीजीपी ने कहा, ‘हावड़ा ग्रामीण को लेकर टीवी और सोशल मीडिया से खबर फैल रही है कि वहां पर 8 जुलाई को एक महिला के साथ घटना हुई। हमारे पास जो तथ्य हैं उसके अनुसार, 13 जुलाई को ईमेल के माध्यम से एसपी हावड़ा ग्रामीण के पास बीजेपी ने शिकायत भेजी थी। शिकायत में कहा गया, 8 जुलाई को वोटिंग वाले दिन सुबह 11 बजे पांचला थाना स्थित एक बूथ के अंदर महिला को खींचकर बाहर निकाल दिया गया। उनके साथ अश्लील व्यवहार हुआ। कपड़े फाड़े गए और उनको चोट भी आई।’
डीजीपी ने आगे बताया, ‘शिकायत संबंधित थाने में फॉरवर्ड की गई। शुरुआती जांच हुई। एफआईआर भी दर्ज की गई। जांच में अभी तक कोई तथ्य सामने नहीं आया कि यह प्रमाणित हो कि इस प्रकार की कोई घटना घटी। सभी बूथ पर केंद्रीय वाहिनी तैनात थी, उसने भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी। बीजेपी की फैक्ट फाउंडिंग टीम भी चुनाव के बाद वहां पहुंची थी लेकिन उन्होंने भी ऐसा कुछ नहीं बताया।’
डीजीपी मनोज मालवीय ने कहा, ‘जिनके साथ घटना घटी, उनको हमने नोटिस देकर संपर्क किया अगर आपको कोई चोट लगी है तो आपने जहां इलाज करवाया, उसकी रिपोर्ट वगैरह दिखाए। हमने उनसे यह भी कहा कि अगर कोई घटना घटी है तो कोर्ट में चलकर सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाएं लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।’
यानी की लॉकेट चटर्जी की बनाई गई कहानी की पोल खुल गईं
लेकिन उसके बाद भी बीजेपी ने हार नहीं मानी इस बार ANI का सहारा लिया गया और एक फेक न्यूज़ चला दी
लोहर्मषक घटना का वीडियो आने के बाद मची खलबली को मैनेज करने के लिए मणिपुर गैंग रेप मामले में Asian News International (ANI) ने एक फेक ख़बर चला दी. उसने बड़े ही चालाकी से मणिपुर हिंसा मामले में अब्दुल का नाम जोड़ दिया हालांकि कुछ देर बाद ट्वीट को डिलीट कर दिया इस फेक ख़बर के सहारे बीजेपी नेताओं और घटिया ट्रोल्स को मणिपुर गैंग रेप मामले का ज़िम्मेदार अब्दुल को ठहराने का मौक़ा मिल गया
12 घण्टे तक ani ने इस गलती के लिऐ माफी नहीं मांगी और इस कारण अब्दुल ट्विटर पर तीसरे नंबर पर ट्रेंड करने लगा.
12 घण्टे बाद ANI ने इस गलत खबर के लिए माफी मांगी लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका था झूठ पुरी दुनियां घूम चुका था
फिर भी बीजेपी का ये अभियान नही रुका बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय बंगाल का एक नया वीडियो लेकर सामने आए घटना पश्चिम बंगाल के मालदा के बामनगोला थाने के पाकुआहाट की थीं यहां मंगलवार के दिन हाट लगती है। यहां बाजार में महिलाओं को चोरी के आरोप में पकड़ा गया और उनकी पिटाई की गई। अमित मालवीय ने इस घटना के वीडियो को ट्वीट करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा लेकिन वो भूल गए कि ये साधारण चोरी की घटना थीं जिसका अभी की तात्कालिक घटनाओं के साथ को रिलिवेंस ही नहीं था
इधर सब से हैट कर एक काम और हो रहा है आईटी सेल द्वारा ऐसे मेसेज व्हाट्सप्प पर फॉरवर्ड किये जा रहे है है जिसमे मैतई लोगो को हिन्दू और कुकी जनजाति को ईसाई दिखाया गया है और हिंसा चर्च द्वारा किये जाने की बात की गयी है कुकी को बाहरी भी बताया जा रहा है
साफ़ दिख रहा है कि डबल इंजन की सरकार अपनी बदनामी से डरकर येन केन प्रकारेण देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी के माध्यम से आईटी सेल के माध्यम से और फॉरवर्ड मेस्सगे के माध्यम से इस मैटर को लोगो के दिमाग से हटाना चाह रही है ताकि इस पर और शोर न हो
पुराने पैंतरे बी जे पी के
thanks