कोरोना के बाद से भारत में जीवनयापन की लागत तेजी से बढ़ रही और भोजन बिजली यातायात जैसी मूलभूत आवश्यकताए अभूतपूर्व रूप से महंगी हो रही है लेकिन आम आदमी की आमदनी वही है बल्कि कम ही हुई है, सच्चाई यह है कि अब पूर्णकालिक रोजगार भी बुनियादी ज़रूरतें वहन करने में सक्षम नहीं रह गया हैं।
इक्कीसवी शताब्दी के दूसरे दशक की शुरुआत में बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए भारत का आम आदमी क्या कर रहा है ?
सच्चाई यह है कि लोग इन जरूरतों को पूरा करने के लिए online loan apps से इंस्टेंट लोन ले रहे है और इसके कारण समाज में अंदर ही अंदर बड़े पैमाने पर एक भयानक खतरा मंडरा रहा है और तक़रीबन रोज ही देश भर में इन ऑनलाइन लोन एप्प के गुर्गो द्वारा सताए हुए लोगो की आत्महत्या की खबरे आ रही है 2020 में कोरोना महामारी के बाद इन ऐप्स ने भारत में तेजी से पैर पसारे है
महामारी के दौरान ऑनलाइन ऐप्स के ज़रिए आसान क़िस्तों पर क़र्ज़ लेने का सिलसिला शुरू हुआ.
ऑनलाइन लोन एप्प कैसे काम करती है
अकसर आप सड़क पर चलते हुए छाता लगाकर बैठे इन लोन बांटने वाली एप्स के एजेंट को देखते होंगे।। ये बैंक या अन्य nbfc के विपरीत आपको तुरंत यानि इंस्टेंट लोन ऑफर करते है इस क़र्ज़ को लेने वाले लोग जब ऐप डाउनलोड करके क़र्ज़ लेने की शर्तें देखते हैं तो लोन वापस करने के लिए 91 दिन का समय बताया जाता है और ली गई रक़म पर केवल तीन प्रतिशत सूद अदा करने की बात कही जाती है.लेकिन जब कोई व्यक्ति एक बार उन ऑनलाइन ऐप्स के ज़रिए क़र्ज़ ले लेता है तो एक सप्ताह के अंदर ही दिन-ब-दिन क़र्ज़ की रक़म दुगनी होती जाती है ये एप्प लोन को डिजिटल रूप से देने के बाद ब्याज दरों में अत्यधिक वृद्धि कर देते है ।
यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति लोन चुकाने में कामयाब भी हो जाता है, तो उससे और भी पैसे मांगे जाते हैं और उसको क़र्ज़ वापस करने के लिए अलग-अलग नंबरों से कॉल आना शुरू हो जाती हैं
जब ये ऐप्स डाउनलोड किए जाते हैं, तो वे आपकी वीडियो, फोटो गैलरी और अन्य व्यक्तिगत जानकारी तक आसानी से पुहच बना लेते है दरअसल लोन की शर्तो में ही ये एक्सेस देना अनिवार्य होता है एक बार इन ऐप्स तक पहुंच मिल जाने के बाद, ग्राहकों के लिए अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक लाइव फोटो अपलोड करना अनिवार्य हो जाता है। ग्राहकों को एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) साझा करने के लिए भी कहा जाता है फोन में एक तरह से स्क्रीन मिरर कर दिया जाता है ये सारी जानकारी चीन और दुनिया के अन्य हिस्सों में होस्ट किए गए सर्वर पर अपलोड की जाती है। इन लोन ऐप ऑपरेटरों के पास अवैध कॉल सेंटर हैं जिन्हें ऐसे व्यक्तिगत डेटा तक अनधिकृत पहुंच दी जाती है।
लोन देने के कुछ समय बाद ही कॉल सेंटर में बैठे लोग पीड़ितों (या ग्राहकों) को उनके दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों को उनकी देनदारियों का खुलासा करने की धमकी देकर पैसे ऐंठने के लिए बुलाते हैं। उन्हें आपके फोन में उपलबध आपकी तस्वीरें, आपके परिवार के सदस्यों की तस्वीरें मॉर्फ करने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। ओटीपी की मदद से ये ऐप्स पीड़ित के बैंक खाते तक अनधिकृत पहुंच हासिल कर लेते हैं। इन ऐप्स को AWS सर्वर और अली बाबा सर्वर से होस्ट किया जा रहा है, इसलिए इसे किसी तरह से रोका नहीं जा सकता
इनके एजेंट विभिन्न तरीके अपनाकर लोन लेने वाले ग्राहक इतना मजबूर कर देते है कि अपनी जिंदगी तक समाप्त कर लेने की सोचने लगता है
ऑनलाइन लोन एप्प online loan apps को लोन शार्क क्यों कहा जाता है
ऐसा नहीं है कि ये प्रक्रिया सिर्फ भारत में हो रही है अन्य विकासशील देशों में , जहां लोगो की औपचारिक बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सीमित है। उन सभी देशों में यही सब हो रहा है इन्हे लोन शार्क के नाम से जाना जाता है वैश्विक स्तर पर लोन शार्क एक बढ़ती हुई समस्या है,
2012 में चीन में इस धंधे ने बहुत जोर पकड़ा था। इन online loan apps ने चीन में 100 अरब डॉलर के लोन बांट डाले थे। लेकिन अब वहा स्थिति थोड़ी सुधरी हुई है लेकिन साउथ ईस्ट एशिया के बाकि देशो वियतनाम मलेशिया इंडोनेशिया में यह समस्या भयानक रूप ले चुकी है
थाईलैंड में तो हालत ये है कि COVID-19 लॉकडाउन के तीन महीने बाद, रॉयल थाई पुलिस को पीड़ितों से शारीरिक धमकी की बढ़ती शिकायतें प्राप्त करने के बाद लोन शार्क द्वारा दुर्व्यवहार का मुकाबला करने के लिए सेकड़ो की संख्या में सेंटर बनाना पड़े
अफ्रीका में भी ये समस्या गंभीर है जिम्बावे में दक्षिण अफ्रीका में, नाइजीरिया में लोगों को COVID के बाद समय में इन बेईमान ऑनलाइन लोन एप्प ऋणदाताओं से लोन लेना पड़ा है।और वहा भी रोज आत्महत्या हो रही है
दरअसल loan sharak लोन शार्क एक बहुत ही विशिष्ट मार्किट को टारगेट करते है और वे जानते हैं कि जरूरतमंद लोगों को नकद ही चाहीए और जल्द से जल्द चाहिए।, पारंपरिक उधार पद्धति यानि बैंक और अन्य NBFC ये नहीं दे पाएंगे उनका पूरा बिजनेस मॉडल भय और शोषण पर आधारित है, लेकिन यह जानते हुए भी लोग उनसे उधार लेना शुरू कर देते हैं, और वे कभी न खत्म होने वाले चक्रव्यूह में फंस जाते है
अक्सर लोग पूछते है कि इस तरह online loan apps ऑनलाइन लोन एप्स को लोन बांटने की परमिशन मिल कैसे जाती है ?
आरबीआई ने कई बार कहा है कि ऐसी डिजिटल लोन ऐप उसके नियमों के खिलाफ हैं।2022 की शुरुआत में भारतीय जांच एजेंसियों चीन समर्थित कई लोन एप्प को बंद कर दिया चीनी इंस्टेंट-लोन ऐप्स मोमो, कैशबस, टाइमली कैश, वाई कैश, किश्त, रोबो कैश, फास्ट रुपी, कैश मामा और लोन टाइम भी भारतीयों को पे-डे यानी एक ही दिन में लोन देने की पेशकश कर रहे थे,
फरवरी 2022 में, RBI ने पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज (PCFS) को जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया, जिसने कैश बीन ऐप के जरिए एक साल में 1,320.13 करोड़ रुपये कमाए।
यहां सवाल खड़ा होता है कि फिर ये
ऑनलाइन लोन एप्प online loan apps भारत में कैसे काम कर रहे है ?
भारतीय जांच एजेंसियों ने बताया कि चीन द्वारा समर्थित फिनटेक कंपनियों ने भारत की नियामक प्रणाली को दरकिनार करते हुए सात से 30 दिनों की अवधि के लिए तत्काल व्यक्तिगत ऋण प्रदान करने के लिए कई एनबीएफसी के साथ MOU (समझौता ज्ञापन ) किया था। चूंकि इन फिनटेक कंपनियों को ऋण प्रदान करने के लिए आरबीआई से नए एनबीएफसी लाइसेंस मिलने की संभावना नहीं थी, इसलिए उन्होंने बड़े पैमाने पर लोन देने की गतिविधियों में शामिल होने के लिए पहले से ही निष्क्रिय भारतीय एनबीएफसी के साथ करार कर के अपने लिए रास्ता तैयार कर लिया
और इसके बाद से ही विभिन्न फिनटेक कंपनियां भारतीय गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ मिलकर भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए ऑनलाइन लोन देने के कारोबार में उतर गई है
आज भी यदि आप इनके कॉल सेंटर को ढूंढेंगे तो इन्ही NBFC के कॉल सेंटर के साथ ही उनके एम्पलाई को काम करता हुआ देख सकेंगे
ऑनलाइन लोन एप्प online loan apps को रोकने के लिए क्या उपाय किये गए है
10 अगस्त, 2022 को, आरबीआई ने दिशानिर्देश जारी किए कि कैसे सभी ऋण वितरण और पुनर्भुगतान केवल उधारकर्ता के बैंक खातों और ऋण सेवा प्रदाताओं या किसी तीसरे पक्ष के बैंक खातों के बीच ही निष्पादित किए जाने चाहिए।
आरबीआई के जून 2020 के आदेश में ऐसे व्यवसायों वाले बैंकों और एनबीएफसी को अपनी वेबसाइटों पर पूरा विवरण प्रकाशित करने की अनिवार्यता लागू की गई इसके साथ ही ग्राहकों को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने की शर्त भी लगाई गई जिसमें यह बताना होगा कि वे कितना ब्याज देंगे।
लेकिन हम अच्छी तरह से जानते है कि ये उपाय कारगर सिध्द नहीं हुए है और आज भी रोज हजारो परिवार इन
के चंगुल में फंस रहे है और बर्बाद हो रहे है
सवाल है कि ऑनलाइन लोन एप्प के अवैध कारोबार को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है ?
संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अन्य देशों में, ऐसे कानून हैं जिनके लिए ऋणदाताओं को ऋण की सभी शर्तों का खुलासा करने की आवश्यकता होती है और उधारकर्ताओं को किसी भी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से पहले कूलिंग-ऑफ अवधि प्रदान करने के साथ-साथ ब्याज दरों पर एक लिमिट सेट है।, इसे लोन शार्क प्रिवेंशन एक्ट 2019 के नाम से जाना जाता है।
एक इंडोनेशिया का मॉडल भी है इंडोनेशिया में सरकार द्वारा प्रमाणित ऑनलाइन लोन एप्प की व्यवस्था की गयी है , इसलिए वहां इन ऐप्स से जुड़े मुद्दे को आसानी से ठीक किया जा सकता था। ‘
सब सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है यदि सरकार चाहे तो गृह मंत्रालय पुलिस को निर्देशित कर सकता है कि इस तरह कि शिकायत आने पर वह शिकायत कर्ता की समस्या पर सहानुभूति पूर्ण रवैया अपनाए और तुरंत एप के वसूली एजेंट पर कार्यवाही करे
Google को इन लोन ऐप को play store से हटाने को भी सरकार बाध्य कर सकती है
सरकार एक हेल्प लाइन नंबर भी जारी कर सकती है
यानी बहुत से उपाय है अन्य देशों ने केसे इन पर काबू किया है उनके अनुभव से भी लाभ लिया जा सकता है