प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले में शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया
लेकिन यह गिरफ्तारी बहुत देर से हुई है जब जेट एयरवेज अपने अंतिम दौर में थी तभी जेट एयरवेज कर्मचारी संघ ने मुंबई पुलिस से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार, कंपनी के संस्थापक व पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल और सीईओ विनय दुबे और के खिलाफ प्राथमिकी एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी
ऑल इंडिया जेट एयरवेज ऑफिसर्स व कर्मचारी संघ ने अपने पत्र में कहा था , “हम आप से धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, गबन और अन्य अपराधों के तहत चेयरमैन, सीईओ और भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधि (बैंकर) के खिलाफ आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 405 और 409 व अन्य संबंधित धाराओं के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार मामला दर्ज करने की मांग करते हैं
जून 2018 तक जेट एयरवेज तेजी से बढ़ते घरेलू विमानन बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए 75 और बोइंग विमान खरीदने की योजना बना रहा था बाद में अचानक खबर आई कि जेट एयरवेज की वित्तीय हालत इतनी खराब हो गयी हैं कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों से स्पष्ट कहा है कि खर्चे कम करने के उपाय नहीं किए गए तो कंपनी के लिए 60 दिन के बाद ऑपरेट करना नामुमिकन होगा एयरलाइन ने एंप्लॉयीज से कहा हैं कि उन्हें 25 पर्सेंट तक सैलरी कट बर्दाश्त करना होगा
ऐसे में एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बयान दिया कि ‘वह जेट एयरवेज को बंद नहीं होने देंगे और इसे चालू रखने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी’
मतलब हद ही है!……
जेट एयरवेज शुरू से विवादास्पद कम्पनी रही है बड़े बड़े घोटाले में जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल का नाम दबे स्वरों से लिया जाता रहा है बताया जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने लखनऊ हवाई अड्डे पर जैट एयरवेज के अधिकारियों को गिरफ्तार किया जो खाड़ी से आने वाली जैट एयरवेज की उड़ानों में सोने और हीरे की तस्करी करवा रहे थे
जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल का नीरव मोदी और दक्षिण अफ्रीका के गुप्ता बंधुओं से गाढ़ा नाता बताया जा रहा है जेट की फ्लाइट से ही गुप्ता बंधुओं की शादी में लखनऊ से कई सूटकेस कस्टम की निगाहों से बचा कर दक्षिण अफ्रीका में पुहचाए गए जिसको लेकर महीनो तक दक्षिण अफ्रीका के मीडिया में हल्ला मचता रहा वहा के राष्ट्रपति जुमा की रवानगी होने के बाद विवादस्पद गुप्ता बंधुओ को दक्षिण अफ्रीका छोड़ना पड़ा उन्हें दुबई सेटल कराने में नरेश गोयल की बड़ी भूमिका बताई जाती है वैसे दुबई से नरेश गोयल जी का ताल्लुक बहुत पुराना है
सन 2016 में एक भारतीय खोजी पत्रकार जोसी जोसेफ ने एक किताब लिखी थी “A Feast of Vultures: The Hidden Business of Democracy in India”, जिसका हिंदी अनुवाद होगा “गिद्धों की दावत: भारत में लोकतंत्र का प्रच्छन्न व्यापार”
उस किताब में यह बताया गया कि किस तरह अटल बिहारी की एनडीए सरकार से लेकर मनमोहन की यूपीए सरकार ने जेट एयरवेज को फायदा पहुंचाया 2001 में यह पता लग चुका था कि जेट एयरवेज में बड़े पैमाने में खाड़ी देशों के शेखों ने संदिग्ध निवेश कर रखा हैं
उस दौरान आईबी अफसरों ने आडवाणी जी को बताया कि हाल ही के कुछ महीनों में गोयल ने कम से कम तीन बार दाऊद और शकील से फोन पर बातचीत की थी। इसके अलावा भी और कुछ सबूत आईबी के पास मौजूद हैं लेकिन लौहपुरुष कहे जाने वाले आडवानी ने कोई कार्यवाही नही की संसद में भी जेट एयरवेज पर लगातार सवाल उठाए जाते रहे है
2004 में भी NDA की सत्ता खत्म होने के बाद भी नरेश गोयल के लिए कुछ नहीं बदला शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रफुल्ल पटेल के नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद तो जेट एयरवेज को वाकई पंख लग गए भारत में प्राइवेट एयरलाइनों को विदेशी उड़ानों की अनुमति नहीं थी लेकिन जेट को यह लाइसेंस भी मिल गया उस दौर में अमेरिकी कम्पनी एयरवेज इंक ने भारतीय कंपनी को अमेरिकी उड़ानों की इजाजत न देने के लिए कहा। उसकी सीईओ नैन्सी हैकरमैन का कहना था कि भारत की जेट एयरवेज अलकायदा की कंपनी है
लेकिन सिक्योरिटी से जुड़े सारे मामले सेटल कर दिए गए सितंबर 2012 में UPA सरकार ने नागरिक विमानन क्षेत्र में एफडीआई को मंजूरी दी थी। इसके एक वर्ष बाद 2013 अप्रैल तक जेट एयरवेज भारत की पहली ऐसी कंपनी बन गई, जिसने अपने शेयर बेचे। यूएई की एतिहाद एयरवेज ने जेट के 24 फीसदी शेयर लिए। इसके तुरंत बाद भारत और खाड़ी देशों के बीच साप्ताहिक सीटों की संख्या 13,330 से बढ़कर 50 हजार तक हो गई
इस बात पर उस वक्त संसद में भी सवाल उठे मोदी सरकार आने के बाद भी अनेक सुबूत जेट के खिलाफ मिलते गए लेकिन कोई भी कार्यवाही नही की गयी……..जेट के मालिक नरेश गोयल को मोदीं सरकार ने 2015 में पीएनबी से एक बड़ा लोन दिलवाया गया नरेश गोयल ने जेट में अपनी 51 फीसदी की पूरी शेयरहोल्डिंग को पंजाब नैशनल बैंक के पास 2015 में गिरवी रख दिया था जिसकी कीमत उस वक्त 2600 करोड़ रुपये आँकी गयी थी ओर उस वक्त गोयल द्वारा शेयरों को गिरवी रखे जाने के निर्णय की वजह की जानकारी नहीं दी गई थीऔर फाइनली अब जाकर कार्यवाही हुई है और उसमे भी नरेश गोयल आराम से बचने वाले है