मध्य प्रदेश को बदनाम करने वाले व्यापम घोटाला और शिक्षक परीक्षा घोटाला के बाद एक घोटाला और सामने आया है मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने बीते मार्च-अप्रैल में ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा कराई थी. इसके नतीजे आये हैं इसे व्यापम 2 कहा जा रहा है
पटवारी भर्ती में सत्तारूढ़ दल बीजेपी के एक विधायक के परीक्षा केंद्र से न सिर्फ 114 अभ्यार्थियों का चयन हो गया है, बल्कि टॉप टेन में 7 परीक्षार्थी इसी केंद्र से आये हैं
विवाद में आये बीजेपी के विधायक का नाम संजीव सिंह कुशवाहा है. वे भिंड शहर से विधानसभा में बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं. साथ ही ग्वालियर में एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट का संचालन करते हैं.
विधायक के सेंटर से 7 अभ्यर्थियों ने टॉप 10 में जगह बनाई है. इन 7 टॉपर ने कुल 200 अंकों वाली पटवारी परीक्षा में 174.88 से लेकर 183.86 तक अंक हासिल किए हैं. अकेले विधायक के सेंटर से 114 परीक्षार्थियों का चयन हुआ है. टॉप में आये सातों उम्मीदवारों के रोल नंबरों की सीरिज भी एक जैसे अंक ‘2488′ से शुरू होती है. जबकि सिग्नेचर कॉलम में पांच अभ्यर्थियों ने अपना नाम भर ‘लिखा’ है.
जब इस बारे मे मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड, भोपाल के अध्यक्ष श्री मलय श्रीवास्तव से बात की गई हैं तो उन्होंने कहा कि यदि कोई लिखित शिकायत करेगा तो हम जांच करेंगे। जबकी लाखों छात्र सड़क पर उतरे हुऐ हैं
इसके पहले भी कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा में भी ऐसा ही मामला सामने आया था और परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.
परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी बेंगलुरु की कंपनी एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजी लिमिटेड को दिया था। जबकि केंद्र सरकार इस कंपनी को ऑनलाइन एग्जाम कराने के लिए अपात्र घोषित कर चुकी है।
ऐसे परिणाम आने पर छात्रों का गुस्सा उबल पड़ा और एमपी के कई शहरों के कलेक्टर ऑफिस पर छात्रों ने प्रदर्शन भी किए.
फिलहाल परिणाम के आधार पर नियुक्ति को रोक दिया गया है शिवराज सिंह चौहान मुख्य मंत्री मधयप्रदेश ने कहा है कि “कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं. सेंटर के परिणाम का पुन: परीक्षण किया जाएगा.”