CAG की रिपोर्ट ने मोदी सरकार में चल रहे भ्र्ष्टाचार की पोल खोल दी है लेकिन बिका हुआ मीडिया इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है क्योकि अडानी मोदी का गठजोड़ इस घोटाले में साफ़ नजर आ जाएगा
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG Report) ने 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे ( Dwarka Expressway Cost) की लागत को लेकर बड़ा खुलासा किया
दरअसल दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बोर्ड ने प्रति किलोमीटर 250.77 करोड़ रुपये की लागत को मंजूरी दी जबकि संसद की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर लागत के हिसाब से इसे बनाने की स्वीकृति दी थीं यानी इस प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य तय राशि से 14 गुना ज्यादा कीमत बढ़ा दी गई
यह तथ्य कैग ने भारतमाला परियोजना के पहले चरण के कार्यान्वयन पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट मे सामने लाया हैं
द्वारका एक्सप्रेसवे में घोटाला
कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण में आठ-लेन मुख्य कैरिज वे को उन्नत और संरक्षित बनाने के बजाय राजमार्ग ग्रेड के चौराहे पर अंडरपास या फ्लाईओवर का निर्माण कहीं ज्यादा व्यावहारिक विकल्प था. हकीकत यह है कि द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत केवल एक स्थान पर भीड से बचने के लिए अंडरपास बनाने की योजना थी. अगर ऐसा किया जाता तो इससे हरियाणा क्षेत्र में इस परियोजना पर आने वाली भारी लागत को कम किया जा सकता था।
सीएजी ने ये भी कहा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे का बिना किसी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के मूल्यांकन और अनुमोदन किया गया
दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे में घोटाला
कैग ने द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर निर्माण को लेकर भी सवाल खड़े उठाए हैं. कैग रिपोर्ट के अनुसार यह प्रोजेक्ट CCEA की ओर से स्वीकृत परियोजना की सूची में ही नहीं था. यानी एनएचएआई ने अपने स्तर पर 33 हजार करोड़ रुपये खर्च कर दिए
यह सारा निर्माण भारत माला प्रोजेक्ट का हिस्सा है
लगभग 80 हजार करोड़ रुपए के इस भारतमाला प्रॉजेक्ट की ज़िम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक नोडल एजेंसी है इसका गठन 1988 में संसद के एक अधिनियम द्वारा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत किया गया था। प्राधिकरण में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष,और पूर्णकालिक सदस्य जोकि पांच से अधिक नहीं होने चाहिए और चार अंशकालिक सदस्य होते हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।
अभी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय गडकरी जी संभाल रहे है
भारतमाला परियोजना क्या हैं
भारतमाला परियोजना की घोषणा 2017 में की गई थी और इसे 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना में चरणों में देश भर में 83,677 किलोमीटर सड़कों, राजमार्गों, ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेसवे और पुलों का निर्माण शामिल है।
नवीनतम रिपोर्टों से पता चलता है कि भूमि की बढ़ी हुई लागत और परियोजना के लिए अनुमानित बजट में वृद्धि के कारण परियोजना वर्तमान में पूरी होने के करीब नहीं है। भारतमाला परियोजना छह साल की देरी के बाद वित्त वर्ष 2027-28 तक पूरी होने की उम्मीद है।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में भारत माला परियोजना के तहत बन रहे सकड़ों के स्वीकृत और लागत राशि पर भी कई सवाल उठाए हैं.
भारतमाला परियोजना वन के तहत 76,999 किलोमीटर की सड़कें बनाई जानी है. इसमें से 70,950 किलोमीटर सड़क NHAI बना रहा है.
भारतमाला प्रोजेक्ट 2017 में शुरू किया गया लेकिन इसके निर्माण में तेजी 2019 के बाद आनी शुरु हुई
क्योंकि 2019 में अडानी सड़क निर्माण के क्षेत्र में उतरने का फैसला करते हैं और मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला योजना में बनने वाले हाईवे के ठेके उसके नाम पर खुलना शुरू हो जाते हैं
फरवरी 2019 में अडानी ने सड़क निर्माण में उतरा और पहली बार में ही उसे 1,140 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजना का ठेका मिल गया मिला जो छत्तीसगढ़ में बननी है. यह ठेका उसे मोदी सरकार के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से मिला , यह सड़क मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला योजना का हिस्सा है
अडानी को मिला सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे का ठेका
दो साल के भीतर अदानी को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत देश की अब तक की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे का ठेका मिल गया यह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप PPP के तहत देश की किसी निजी कंपनी को दी गई अब तक की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना है. ……इसमे इलाहाबाद से मेरठ तक प्रस्तावित 594 किमी लंबे छह लेन हाइवे को बनाया जाना है इस परियोजना की लागत 17,000 करोड़ रुपये से अधिक है गंगा एक्स्पेसवे के निर्माण के लिए भी कुल 11 कंपनिया आगे आयी थी जिसमे दो विदेशी कंपनियां भी थी लेकिन बाजी तो अडानी के हाथ लगना तय था
उसके बाद तो भारतमाला योजना के अधिकतर टेंडर अडानी के नाम ही खुले हैं
2021 की शुरुआत में अडानी को एक बार फिर केरल में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से 1,838 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजना का टेंडर मिला
मार्च में अडानी को एक बार फिर एनएचएआई से 1039.90 करोड़ रुपये का राजमार्ग ठेका मिला यह सड़क तेलंगाना में बनाई जानी है
अप्रैल 2021 में अडाणी एंटरप्राइजेज ने फिर एक बार घोषणा की कि उसने ओड़िशा में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से 1,169.10 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजना हासिल कर ली है
आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर गोलापुडी से चिन्नाकाकनी के बीच विजयवाड़ा बाईपास को छह लेन का बनाने का ठेका भी अडानी को ही मिला है
फिलहाल अडानी ग्रुप के पास हाइवे निर्माण के 13 ऐसे प्रोजेक्ट है जिनके तहत पांच हजार किमी से ज्यादा की सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इनकी लागत 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। देश के नौ राज्यों में ये प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें छत्तीसगढ़, मप्र, तेलंगाना, यूपी, केरल, गुजरात, प. बंगाल, ओडिशा व आंध्र प्रदेश शामिल हैं
भारतमाला प्रोजेक्ट में घोटाला
राज्यसभा सांसद और आप नेता संजय सिंह ने सोमवार 14 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। संजय ने कहा कि CAG की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा- भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 75 हजार किमी के रोड 15 करोड़ प्रति किमी की लागत से बने थे। लेकिन मोदी सरकार ने प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ाकर 25 करोड़ प्रति किमी कर दी।संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार को भ्रष्टाचार रोकने के दावे नहीं करने चाहिए। इस प्रोजेक्ट में गौतम अडाणी की कई कंपनियां काम कर रही हैं
इस मामले मे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक मीडिया क्लिपिंग सभी से साझा करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के 75 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 75 हजार किमी के रोड 15 करोड़ प्रति किमी की लागत से बने थे। लेकिन मोदी सरकार ने प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ाकर 25 करोड़ प्रति किमी कर दी।
अभी तो यह पहला ही चरण है उसमे इतना भ्रष्टाचार सामने आया है 2028 तक तो यह सारे रिकार्ड तोड़ देंगे
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