2300 करोड़ ठगने वाली फुटबॉल सट्टेबाजी ऐप ‘दानी डेटा’ कैसे काम करती थी?  बिना मेहनत के ऑनलाइन पैसा कमाने का शौक रखने वाले ध्यान दें  

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मोदी सरकार को सबसे पहले ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाना होगी नही तो करोड़ों लोग इनके चक्कर में आकर बर्बाद हो जाएंगे

कल एक ख़बर आई कि गुजरात में पुलिस ने एप के जरिए की जा रही ऑनलाइन ठगी के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया जिसमें चीन के एक नागरिक ने गुजरात में आकर फुटबॉल सट्टेबाजी ऐप ‘दानी डेटा एप्लिकेशन’ नाम से एक ऐप शुरू किया। और महज नौ दिन तक ही एक्टिव रहा इस दौरान इसने भारतीयों से 1,400 करोड़ की ठगी की. चीनी नागरिक का नाम आने पर लोगो की राष्ट्रभक्ति उबाल मार रही है पर लोग इसकी गंभीरता को समझ नहीं रहे है

 

दरअसल यह ख़बर आधी अधूरी हैं सच यह है कि रकम भी कहीं ज्यादा है और इस एप से देश भर में ठगाने वालों की संख्या लाखों में हैं

 

DaniData ऐप को भारत में दिसंबर 2021 में लॉन्च किया गया, यह एप यूरोपियन फुटबॉल क्लबों के बीच खेलें जाने वाले फुटबॉल मैच पर सट्टा लगवाती थी लेकिन इसका बिजनेस मॉडल यूनिक था इसने ऑनलाइन सट्टे बाजी के साथ एमएलएम मार्केटिंग को मिक्स कर दिया साथ ही इसने छोटे शहरों को टारगेट किया

 

DaniData एंटी-बेटिंग मोड पर काम करता है।

 

इस पद्धति में आपको मैच के गलत स्कोर की भविष्यवाणी करने की आवश्यक

ता होती है और यदि आपकी भविष्यवाणी गलत है, तो आप जीत जाते हैं। इसलिए जीतने की संभावना अधिक हो जाती है, इसलिए इसने बहुत तेजी से लोकप्रियता हासिल की। यहां तक कि अगर आप बिना किसी जोखिम के खेलते हैं, तो भी आपको हर महीने अपने निवेश पर लगभग 60-70% का लाभ मिलता है जो कि चक्रवृद्धि होता था लोग इस जाल मे फंसते चले जाते

 

वह फ्रॉड ऐप दावा करता कि आपको केवल Danidata App में पैसे जोड़ने हैं। उसके बाद आपको इन पैसों से दांव लगाना है हैं, तो आप इसके माध्यम से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं, पहली बार आपको फ्री में 600 का बेलेंस डाल दिया जाता
पहली बार खेलने वाले खिलाड़ी को 1111 रुपए मिलते हैं।

 

Dani app का MLM मॉडल 

आप सीधे प्ले स्टोर से एप्लिकेशन डाउन लोड तो कर सकते थे पर खेल नहीं सकते थे एमएलएम की तरह जुड़ने का तरीका केवल रेफरल था। एक रेफर पर 600 से 1000 रुपए तक कमीशन मिलता था।अगर कोई व्यक्ति 10 लोगों को इस ऐप में शामिल करता है तो उसे कमीशन भी मिलता है। इसके अलावा लोगो को जोड़ने पर पैसे निकासी में भी छूट मिलती थी। जिसके कारण ज्यादातर लोग एक दूसरे को ऐप रेफर करके जोड़ते थे।

 

लोग इस ऐप में पैसे जमा करते थे और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैचों पर सट्टा लगाते थे। दानी डेटा एप्लिकेशन को लोगों ने ऑनलाइन डाउनलोड किया  इसके बाद मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन कराकर बैंक की रकम उसमें जमा करा दी जाती थी। बाद में लिंक खोलने पर होम स्क्रीन पर ले जाया गया। कोड और बाद में मोबाइल नंबर से पासवर्ड डालकर रजिस्ट्रेशन किया गया।

 

इस गेम को खेलने के लिए बैंक के माध्यम से फिक्स 400, 600 और 3600 रुपये का रिचार्ज उपलब्ध था कुछ गेम में पैसे जमा करने के बाद अगर फोन चालू रहता तो शाम तक एक और रकम जुड़ जाती थी और एक महीने के लिए जमा किए गए रुपये दोगुने हो जाते थे. इस तरह कुछ पैसे निवेश करने के बाद अधिक प्रलोभन में आए लोगों ने धीरे-धीरे करके करोड़ों रुपये निवेश कर दिए। एप की ओर से बताया गया था कि एक निश्चित तारिख वो पैसा निकालते हैं तो फ्री ऑफ चार्ज रहेगा। नहीं तो 10 प्रतिशत चार्ज लगेगा। इसके चक्कर में लोग रुके रहे फिर जब ऐप में अचानक बैलेंस जीरो हो गया तो लोगों को लगा  कि उनके साथ धोखा हुआ है

 

इस ऐप में लोग यूपीआई, फोन-पे, गूगल-पे के जरिए पैसे जमा करते थे सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम पर दानी डाटा नाम का चैनल था। जिसमें गेम से जुड़ी जानकारी व एप को इस्तेमाल करने की जानकारी दी जाती थी इनके कॉल सेंटर भी थे

 

इस ऐप के मालिक ने एक अलग तरीका अपनाया उसने छोटे शहरो और कस्बों पर टारगेट किया गुजरात के बनास कांठा, पाटन, राजस्थान के नागौर सांचोर बिहार के दरभंगा आदि शहरो में इनके हाथों लूटे लोगों की संख्या लाखों में हो सकती हैं

 

इस मामले में पहली एफआईआर अगस्‍त 2022 में दर्ज की गई थी. तब से लेकर अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

 

पुलिस के मुताबिक चीनी नागरिक वू उयानबे साल 2020 से 22 के बीच भारत आया. इस दौरान वो बिहार की राजधानी पटना और गुजरात के बनासकांठा में रहा. उसने इस दौरान ‘दानी डाटा’ एप बनाई. उसका टार्गेट मुख्‍य रूप से गुजरात के लोग थे जून 2022 में पुलिस को उसके बारे में पहली बार जानकारी मिली. पुलिस का कहना हैं कि इस एप ने सिर्फ 9 दिन काम किया लेकिन सिर्फ 9 दिन में इतनी बड़ी ठगी नहीं की जा सकती, पुलिस को इसकी शिकायत हर जगह से मिल रही थी लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया। …….

 

बेहद खतरनाक खेल है ये इस पर सरकारों को सीरियस ढंग से सोचना होगा। …….

 

2 Comments

  1. गिरीश जी, पेराग्राफ में अंतर बहुत ज्यादा है सिर्फ एक लाइन का गैप रखिए.. और पॉइंट साइज दो से बढ़ा दीजिए बोल्ड नेस ठीक है

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