भारत का सबसे बड़ा स्टार्टअप गढ्ढे में

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भारत के सारे बड़े स्टार्टअप का एक एक कर के दम निकलने लगा है शुरुआत हुई है भारत के सबसे बड़े यूनिकॉर्न बायजू से ……

भारत में 68 यूनिकॉर्न हैं, जिसमें सबसे ज्यादा वैल्यु ऑनलाइन एजुकेटर बायजू की ही है जिसकी वैल्यु 22 बिलियन डॉलर है. इसका नुकसान भी सबसे ज्यादा है 4588 करोड़ है. यह भी 2021 का आंकड़ा है असली नुकसान की रिपोर्ट आना तो अभी बाकी है

कुछ दिन पहले बायजूस (Byju’s) को एक बड़ा झटका लगा है। बायजू रवींद्रन के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए बायजु के तीन बोर्ड सदस्यों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही एक ऑडिटर ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया है. सिकोइया कैपिटल के जीवी रविशंकर, चैन जुकरबर्ग के विवियन वू और प्रोसस के रसेल ड्रेसेनस्टाॅक ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा, ऑडिट कंपनी डेलॉयट ने बायजू की तरफ से वित्तीय जानकारी देने में देरी के कारण खुद को ऑडिटर के पद से अलग कर लिया है.

तीन साल पहले हालात कुछ और थे, कोविड का टाइम दुनिया की कई टेक कंपनियों के लिए शानदार था, लॉकडाउन की वजह से दुनिया ऑनलाइन शिफ्ट हुई और बायजूस ने भी इसका फायदा उठाया. 2020 में कंपनी ने व्हाइट हैट जूनियर जैसे कोडिंग लर्निंग प्लेटफॉर्म को खरीदा. उसके बाद 2021 में उसने आकाश एजुकेशनल सर्विसेस को खरीद लिया, जो देश में मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाला सबसे बड़ा एजुकेशन सर्विस ब्रांड है.
2020 में Forbes India’s Richest People लिस्ट में रविंद्रन भारत के सबसे युवा अरबपति थे. उनकी संपत्ति 3.05 अरब डॉलर आंकी गई थी. लेकिन महज 3 साल के वक्त में उनकी अमीरी को किसी की नज़र लग गई

2023 के मध्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके घर और दफ्तर पर डेरा जमाए बैठ गईं

ईडी ने कहा कि बायजूस ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. कंपनी ने 2011 से 2023 के बीच विदेशों से 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जुटाया है. जबकि इसी दौरान 9,754 करोड़ रुपये विदेशी कंपनियों में ओवरसीज डायरेक्ट इंवेस्टमेंट के नाम पर ट्रांसफर किए हैं. इसका कोई ठीक से हिसाब किताब नही मिल रहा है

गौरतलब है कि हाल के दिनों में सभी गलत कारणों से बायजू सुर्खियों में रही है।
कई पूर्व कर्मचारियों ने भी बायजू पर उनके वेतन का पीएफ घटक उनके कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों में जमा नहीं करने का आरोप लगाया है।बायजूस पर बच्चों और उनके पेरेंट्स के डेटाबेस को खरीदने के आरोप लगाए गए हैं

बायजूस (Byju’s) लगातार अपने कर्मचारियों को निकाल रहा है पिछले साल ही उसने अपने संस्थान से 2500 कर्मचारियों को निकाल (lay off) दिया है। इसके अलावा बायजूस ने Toppr और WhiteHat Jr से भी 1500 से अधिक कर्मचारियों को निकाला है।

बायजु के खराब होते हालात देश के तमाम बडे़ स्टार्टअप के लिए खतरे की घंटी है

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