नासिर अली शाबान अहली कही यूएई के शाही परिवार का मोहरा तो नही?

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आख़िर ये नासिर अली शाबान अहली हैं कौन?
अडानी की अथाह दौलत के पीछे तीन लोग है पहले हैं शांतिलाल अदानी दूसरे हैं चांग चुंग ली और तीसरे शख्स का खुलासा कल हुआ है और वो है नासिर अली शाबान अहली
पहले दो का नाम हम बहुत पहले से जानते है, लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भी नासिर अली का नाम शामिल नहीं था। हिंडनबर्ग ने अपने खुलासे कहीं भी नासिर अली का नाम नहीं लिया था। हालांकि चीनी कारोबारी चांग चुंग लिंग के बारे में हिंडनबर्ग ने भी खुलासे किए थे सवाल उठता है कि ये नया बंदा कौन है इसके बारे में कोइ
जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं हैं बस ये पता है कि नासिर अली शाबान अहली (Nasser Ali Shaban Ahli ) यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) के कारोबारी है। उनका नाम गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी के करीबियों में शामिल है। नासिर अली शाबान अहली UAE की कंसल्टेंसी कंपनी अल अल जव्दा ट्रेड एंड सर्विसेस ( Al Jawda Trade & Services) के निदेशक हैं। कंपनी का मुख्यालय दुबई में स्थित है। वह ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स कॉर्पोरेट रजिस्ट्री में भी शामिल है। इसके अलावा वो Gulf Arij Trading FZE पर भी मालिकाना हक रखते हैं।
लेकीन उसके पीछे के पैसे का सोर्स क्या है क्या वो यूएई के शाही परिवार का पैसा चला रहे थे?
जब हिंडनबर्ग रिर्पोट आई थी तब अडानी एफपीओ लांच करने वाले थे रिपोर्ट के आते ही FPO का भट्टा बैठ गया था हिंडनबर्ग खुलासे के कारण उनके शेयर कोई नही खरीद रहा था रिटेल कैटेगरी में सिर्फ 12 परसेंट कोटा ही सब्सक्राइब हुआ था कोई पैसा डालने को तैयार नही था
 उस वक्त अडानी दुनिया के सबसे धनी परिवार के यानी यूएई के शाही परिवार की शरण में जाकर बैठ गए थे  एक डेढ़ हफ्ते गौतम अडानी, ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह समेत उनकी पूरी टीम अबू धाबी में थीं फंड जुटाने के लिए अडानी की अडानी एंटरप्राइजेज या समूह की अन्य कंपनी में कैपिटल इंफ्यूजन के लिए अबू धाबी की इंटरनेशनल हॉल्डिंग कॉप्स IHC के साथ बात चली थीं और मदद के बदले में दुबई के शेख मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अलावा अडानी के देश भर फैले हुए पोर्ट में और सीमेंट बिजनेस में हिस्सेदारी मांग रहे थे
FPO की अंतिम तारीख से ठीक एक दिन पहले अबू धाबी की इस कंपनी ने अडानी के FPO में 3600 करोड़ का निवेश कर बाजी पलटने का प्रयास किया अंतिम दिन अडानी समुह ने घोषणा की कि उनका FPO पूरी तरह से सबस्क्राइब हो गया है, जिसे बाद में अडानी ने खुद ही वापस ले लिया
तब भी सवाल उठे थे कि आखिर IHC ने एफपीओ में पैसे क्यों लगाए? क्योंकि बाजार में तो एफपीओ से भी सस्ते भाव में शेयर मिल रहे थे.
इससे पहले साल 2022 में आईएचसी ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों में 2 अरब डॉलर का निवेश किया था। शेख को खुश करने के लिए अडानी ग्रुप की अडानी स्पोर्ट्सलाइन कंपनी यूएई टी20 लीग में भाग लेने का फैसला किया था
एक मजे की बात और जान लीजिए कि देश भर में जो लुलु मॉल खुलने जा रहे है उसके पीछे भी यूएई के शाही परिवार का पैसा लगा हुआ है शेख तहनून बिन जायद अल नहयान के अबू धाबी की एक निवेश फर्म ने लुलु हाइपरमार्केट्स की होल्डिंग कंपनी लुलु ग्रुप इंटरनेशनल में लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (7,600 करोड़ रुपये) का निवेश किया है
फ़ाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़, तीन साल पहले तक इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी का नाम ज़्यादा लोगों ने नहीं सुना था.फ़ाइनेंशियल टाइम्स के साथ बातचीत में खाड़ी देशों में काम करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय बैंकर ने कहा है कि किसी को नहीं पता है कि ये कंपनी इतनी तेज़ी से कैसे बढ़ी.बाज़ार पूंजी के मामले में ये कंपनी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों सीमंस और जनरल इलेक्ट्रिक से ज़्यादा हो गया है.
इस कंपनी के शेयर मूल्यों में साल 2019 से अब तक 42000 फीसद की वृद्धि दर्ज की गयी है.आज मध्य पूर्व में ये कंपनी सिर्फ़ सऊदी अरब की शाही तेल कंपनी अरामको से पीछे है.
अबू धाबी की इंटरनेशनल हॉल्डिंग कॉप्स के बारे में जब बीबीसी ने अपने एक लेख में उपरोक्त बाते लिखी तो उसके बाद ही बीबीसी पर छापा डाल दिया गया
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी निजी इक्विटी अरबपति टॉम बैरक ने अदालत की गवाही के दौरान कहा था कि उन्होंने कई बार गोतम अडानी को यूएई के शाही परिवार के सदस्य शेख तहनून के साथ बैठे हुए देखा हैं
 नासिर अली शाबान अहली कही यूएई के शाही परिवार का पैसा ही तो नहीं चला रहे थे

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