टाटा सूमो का नाम आपने जरूर सुना होगा सभी को लगता है कि टाटा ने अपनी गाड़ी का नाम जापान के विश्वप्रसिद्ध सूमो पहलवानो के नाम पर इस गाडी का नाम सूमो रखा होगा लेकिन ये सच नहीं है
कमल भास्करानंद पंत की कलम से
सुमंत मूलगांवकर नाम शायद बहुत से लोगों ने नहीं सुना होगा। मगर टाटा सूमो को सभी जानते होंगे।
टाटा सूमो नाम इन्हीं सुमंत मूलगांवकर के नाम से लिया गया है। टाटा मोटर्स ने अपने एक काबिल इम्प्लॉई को डेडीकेटेड एक गाड़ी बाजार में उतारी। जिसका नाम था टाटा सूमो।
सुमंत मूलगांवकर के कई किस्से आज भी टाटा ग्रुप में फैले हुए हैं। गूगल करेंगे तो काफी जानकारी आपको मिल जाएगी।
यहां जो किस्सा सुनाने जा रहा हूँ वह बेहद दिलचस्प है। टाटा ग्रुप से जुड़ने के बाद सुमंत लगातार कम्पनी की बेहतरी के लिए अलग अलग आइडियाज पर काम करते थे। उनके आइडिया बेहद प्रैक्टिकल और सक्सेस्फुल होते थे। उन्हें आयरन और स्टील का वाइस प्रेसिडेंट बनाया उन्होंने वहां अपनी धाक जमा दी। ऐसे ही सीढियां चढ़ते चढ़ते वह बन गए टाटा मोटर्स के एमडी। उस समय टाटा मोटर्स को अशोका, महिंद्रा और कुछ फॉरन कम्पनी से लगातार हारना पड़ रहा था, टाटा के ट्रक इन कम्पनी के ट्रकों के सामने कुछ भी नहीं थे।
वह लगातार रिसर्च और डेवलपमेंट के काम में लगे रहते थे लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। वह कुछ समय के लिए अचानक दिन में गायब होने लगे। फिर कुछ महीनों बाद टाटा के ट्रकों को अप्रत्याशित रूप से काफी सराहना मिलने लगी। ट्रकों की सेल बड़ गई और बाकी कम्पनियां आस पास भी नजर नहीं आई।
यह कुछ महीने उन्होंने हाईवे पर ट्रक ड्राइवरों के साथ गुजारे जो वहाँ लंच करने आते थे।
टाटा मोटर्स का एमडी उनके साथ ढाबों पर लंच करते हुए ट्रकों की जरूरतें, कमियां, मार्केट की मांग आदि कई विषयों पर गहन शोध में लगा हुआ था। ट्रक ड्राइवरों से बेहतर और कौन होगा जो इस विषय पर बात कर सकता हो।
सुमंत ने ट्रकों की खामियां पकड़ी, ड्राइवरों की जरूरतों को समझा, क्वालिटी में क्या इम्प्रूमेंट होना है इस बात को जाना। एक्सीडेंट से लेकर, लोड सहने की कैपोसिटी तक ट्रकों से जुड़ी हर बात को समझा और अपने नए प्रोडक्ट में इन्हें ड्राइवरों की बातों के हिसाब से लॉन्च कर डाला।।
टाटा मोटर्स ने सुमंत मूलगांवकर के नाम से टाटा सूमो लॉन्च की। लेकिन हम समझते रहे कि सूमो पहलवानों की तरह मजबूत है इसलिए इसका नाम टाटा सूमो है।
सुमंत मूलगांवकर को भारत सरकार द्वारा सन 1990 में उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।