जब हवाना सिंड्रोम हो सकता है तो ईवीएम भी हैक भी हो सकती है !

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कर्नाटक हाई कोर्ट केंद्र को तीन महीने के भीतर भारत में हवाना सिंड्रोम की संभावना की जांच करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता ने भारत में हवाना सिंड्रोम और भारत में उच्च आवृत्ति माइक्रोवेव ट्रांसमिशन की रोकथाम पर जांच के लिए मैण्डमस् रिट का अनुरोध करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था …..न्यायमूर्ति कृष्ण दीक्षित की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 27 जुलाई को इस मामले में उपरोक्त आदेश दिया है

बड़ा प्रश्न ये है कि जब हवाना सिंड्रोम हों सकता है तो क्या रिमोट सेंसिंग तकनीक के द्वारा EVM में छेड़छाड़ की नही की जा सकती ?

2019 में भारतीय मूल के अमेरिकी टेक एक्सपर्ट सैय्यद शुजा ने ईवीएम हैक करने का दावा किया था उसने कहा था कि इसके लिए टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में भाजपा की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके।

हवाना सिंड्रोम क्या है ?

सदी की शुरुआत के सबसे रहस्यमय वैज्ञानिक रहस्यों में से एक “हवाना सिंड्रोम” भी है। इसकी शुरुआत 2016 में क्‍यूबा की राजधानी हवाना से हुई थी. यहां अमेरिकी दूतावास में तैनात अधिकारी एक-एक करके बीमार पड़ने लगे. मरीजों को अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगीं और शरीर में अजीब सी सेंसेशन महसूस हुई. इसे ही ‘हवाना सिंड्रोम’ नाम दिया गया. सीआईए अधिकारियों में ऐसे मामले देखे गए थे, इसलिए इसे सीक्रेट रखा गया.

तब से, अमेरिकी राजनयिक कर्मियों और उनके परिवारों ने ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, कोलंबिया, जॉर्जिया, किर्गिस्तान, पोलैंड, रूस, सर्बिया में ” हमलों” के साथ “हवाना सिंड्रोम” के रूप में जाने जाने वाले कम से कम दो सौ मामलों की सूचना दी है।

कुछ साल पहले भारत आए सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स के साथ अधिकारी को हवाना सिंड्रोम के लक्षण पाए गए

वियतनाम के हनोई में यूएस की वाइस प्र‍ेसिंडेट कमला हैरिस की तबीयत खराब होने के वजह से अचानक अजीबोगरीब लक्षण सामने आए। जिसमें उन्‍हें हवाना सिंड्रोम होने की बात कही गईं थीं

माना जाता है कि भारत चीन सीमा पर हुए डोकलम विवाद में भारतीय सैनिकों के ऊपर भी इनका इस्तेमाल किया गया

 हवाना सिंड्रोम केसे काम करता है?

आपने घरों में खाद्य पदार्थों को गर्म करने के लिए माइक्रोवेव ओवन का इस्तेमाल किया होगा ऐसे ही माइक्रोवेव हथियार भी बनाए जा चुके है …….यह हथियार एक प्रकार के प्रत्यक्ष ऊर्जा हथियार होते हैं, जो अपने लक्ष्य को अत्यधिक केंद्रित ऊर्जा रूपों जैसे- ध्वनि, लेज़र या माइक्रोवेव आदि द्वारा लक्षित करते हैं।, इसमें उच्च-आवृत्ति के विद्युत चुंबकीय विकिरण द्वारा मानव शरीर में संवेदना पैदा की जाती है।

हवाना सिंड्रोम के पीछे किसी प्रकार का यांत्रिक उपकरण का हाथ है जो अल्ट्रासोनिक या माइक्रोवेव ऊर्जा का उत्सर्जन करता है: इसमें एक हाईली स्‍पेशालाइल्‍जड बायोवेपनरी के जरिए रेडियोफ्रीक्‍वेंसी एनर्जी को व्‍यक्ति के कानों तक पहुंचाया जाता है जो कानों में मौजूद फ्लूड को माइक्रोबबल बनानेकी क्षमता रखती है। जब ये बबल खून के जरिए दिमाग तक जाते है तो इससे सूक्ष्म वायु एम्बोली की समस्‍या हो सकती है जिससे दिमाग की कोशिकाओं को डैमेज कर सकता है

फरवरी 2022 में, अमेरिकी खुफिया समुदाय द्वारा बुलाए गए विशेषज्ञों के एक अलग पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि हवाना सिंड्रोम संभवतः एक यांत्रिक उपकरण द्वारा वितरित स्पंदित विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा का परिणाम था।

यानी हम जान रहे हैं कि रेडियो-फ़्रीक्वेंसी आरएफ ऊर्जा का उपयोग मनुष्य के शरीर को बीमार करने में किया जा रहा है लेकिन हम ईवीएम जो एक मशीन है उसमे छेड़ छाड़ किए जाने की सम्भावना से ही इंकार कर देते हैं कमाल ही है

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