कौन है अडानी के ऑडिटर ?

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सही ऑडिट होना किसी भी कंपनी की सेहत के लिए बहुत जरूरी चीज है ऑडिट के दौरान, एक ऑडिटर यह जाँचता है कि व्यवसाय के वित्तीय विवरण अपडेटेड हैं और उनमे किसी भी तरह की मिस्टेक नही हैं। एक अच्छी तरह से ऑडिट किया हुआ, अप-टू-डेट बिजनेस उन शेयरधारकों की गुड बुक में जगह बना लेता है जो आपकी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं।

अगर दुनिया की टॉप फोर ऑडिटिंग कंपनियों में से एक डेलॉइट ने अडानी पोर्ट कंपनी के ऑडिटर पद से इस्तीफा दिया है तो यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि अडानी के बाकी कंपनियों के ऑडिटर तो बेहद संदेहास्पद है क्योंकि उनमें अब कोइ बड़ा नाम नही बचा है

अडाणी ग्रुप की 9 लिस्टेड कंपनियों में से 8 के पास SRB एंड कंपनी (EV) और धर्मेश पारिख एंड कंपनी (जॉइंट ऑडिटर), शाह धनधरिया एंड कंपनी, पीकेएफ, वॉकर चंदिओक एंड कंपनी और के एस राव एंड कंपनी जैसे 6 ऑडिटर थे

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में समूह के प्रमुख अदानी एंटरप्राइजेज और अदानी टोटल गैस में स्वतंत्र ऑडिटर के रूप में शाह धनधरिया एंड कंपनी की नियुक्ति पर सवाल उठाया गया था दरअसल उसके पास इतने बड़े प्रोफ़ाइल को संभालने के लिए कोई टीम नहीं थी

शाह धनधरिया एंड कंपनी में केवल चार पार्टनर और 11 कर्मचारी थे और यह एक छोटे से किराए के अपार्टमेंट से संचालित होता था।उसकी वेबसाइट से पता चला कि जिस ऑफिस से यह कम्पनी चल रही है उसका मासिक किराया मात्र 32,000 इतनी छोटी जगह इतनी छोटी टीम से वह 640 मिलियन के मार्केट कैप का अकाउंट हैंडल कर रही थी

अडानी गैस के वार्षिक ऑडिट पर हस्ताक्षर करने वाले शाह धनधरिया के ऑडिट पार्टनर की उम्र 23 वर्ष थीं जब उन्होंने ऑडिट को मंजूरी देना शुरू किया। उसने बस यूनिवर्सिटी की पढ़ाई समाप्त ही की थी।

हिंडन बर्ग की रिपोर्ट आने के कुछ महीने बाद शाह धंधारिया ने अडानी टोटल के वैधानिक ऑडिटर के रूप में पद छोड़ दिया ……

यानी दाल मे कुछ काला जरुर था

अभी जिस फर्म को डेलायट की जगह अदानी ने अपना ऑडिटर नियुक्त किया है उसका नाम है एमएसकेए एंड एसोसिएट्स

यह बीडीओ ( बिंदर डिजकर ओट्टे का संक्षिप्त रूप ) से जुडी हुई एक स्वतन्त्र फर्म है बीडीओ सार्वजनिक लेखांकन , कर, परामर्श और व्यावसायिक सलाहकार फर्मों का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है जो बीडीओ नाम के तहत पेशेवर सेवाएं प्रदान करता है। यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा अकाउंटिंग नेटवर्क है।

कमाल की बात ये है कि कुछ ही समय पहले डेलायट बायजू के ऑडिट से हट गया था बायजु ने भी डेलायट की जगह इसी फर्म एमएसकेए एंड एसोसिएट्स को वित्त वर्ष 2012 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष और उसके बाद के पांच वर्षों के लिए अपने नए ऑडिटर के रूप में नियुक्त किया

Byju मे जो चल रहा है उस से सुधि पाठक वाकिफ ही है यानी डेलायत के बाद जिस कम्पनी को अडानी ने चुना उसकी प्रोफाइल विवादास्पद कंपनियों के साथ ही जुड़ी है

आख़िर अडानी को ऐसे ऑडिटर ही क्यों चाहिए होते हैं…..

अडानी जी क्या छुपाना चाहते हैं

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