महाराष्ट्र में चलती ट्रेन में हुई गोलीबारी में मारे गए एक यात्री के बेटे ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत में सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा
अदालत ने मामले में पीड़ित के बेटे को अदालती कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति नहीं दी. अदालत कक्ष के बाहर उत्सुकता से इंतजार कर रहे 34 वर्षीय व्यक्ति ने कहा कि उसे किसी भी तरफ से मदद नहीं मिल रही है. वह दुबई में काम करता है और हाल ही में भारत लौटे है.
पीड़ित के बेटे ने कहा कि वह कई बार उपनगरीय मुंबई के पुलिस थाने में गया और जांच अधिकारी से मिला, लेकिन उसे कोई सहयोग नहीं मिला. उसने कहा कि वह यहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है और दूसरे देश में जाने की योजना बना रहा है . ‘‘हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, हम यहां क्यों रहेंगे? जाहिर तौर पर हमारा घर यहीं (भारत में) रहेगा और हम कुछ दिनों के लिए आया करेंगे.’
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह, जिन्हें 31 जुलाई को एक ट्रेन के अंदर चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उन पर विभिन्न वीडियो क्लिप की फॉरेंसिक जांच के बाद धारा 153(ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) लगा दी गई है.